भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश [गीता] - 'भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश' पुस्तक श्रीमद्भगवत् गीता का ही एक आंशिक रूप है जिसे माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं की मानसिक समझ और सक्षमता के अनुरूप प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक पाठकों को मानवता की ओर अग्रसर करती है। इसके माध्यम से भारत की युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति की ओर पुनः झुकाव उत्पन्न कराने का एक सार्थक प्रयास किया गया , जिसे वे पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में भूलते जा रहे हैं। पुस्तक सभी किशोरों के लिए बहुत उपयोगी है चाहे वे किसी भी समुदाय, सम्प्रदाय, भाषा, राज्य आदि से क्यों न जुड़े हों। इसमें वर्णित उपदेशों द्वारा बच्चों में शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक क्षमताओं का विकास होगा, जिनकी आज भारत-राष्ट्र को अत्यन्त आवश्यकता है। यह मनुष्य को मनुष्य बनाने का एक प्रयास है क्योंकि इससे बढ़कर कोई दूसरा धर्म नहीं है।
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