Yuva Gandhi Ki Kahaniyan

Paperback
Hindi
9789389563085
2nd
2024
216
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मोहन गाँधी ने अपने सहयोगियों के आग्रह पर 1920 में अपनी आत्मकथा लिखने का निर्णय किया। उनकी पुस्तक ‘माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रूथ' में सत्यता से प्रेरित उनके अनुभवों के क़िस्सों ने संसार में प्रत्येक आयु व वर्ग के लोगों को प्रभावित किया। गाँधी जी की आत्मकथा को पढ़ने के बाद जाह्नवी प्रसाद भी उनके असाधारण कार्यों से प्रेरित हुए बिना न रह सकीं और वह भलीभाँति समझ गयी कि गाँधी के विचार, उनके सच्चाई, अहिंसा, साधारण जीवन, स्वच्छता को लेकर दिये गये सन्देश आज के युग में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। इसके बाद आठ वर्षों तक जाह्नवी प्रसाद ने लन्दन, साउथ अफ्रीका, पोरबन्दर, नोआखाली का भ्रमण किया व गाँधी जी से सम्बन्धित दुर्लभ सामग्री की खोज के परिणामस्वरूप वह गाँधी जी पर विस्तृत रूप में ग्राफ़िक उपन्यास की रचना करने में सफल रहीं। इस युग के युवा पाठकों को महात्मा गाँधी व उनकी जीवन-शैली से परिचित कराना ही जाह्नवी जी का मुख्य उद्देश्य है।

ब्रिगेडियर कमलनयन पण्डित, वीएसएम (Brigadier Kamalnayan Pandit, VSM)

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जान्हवी प्रसाद (Janhavi Prasad)

जाह्नवी प्रसाद दिल्ली में जन्मी जाह्नवी प्रसाद के बचपन का अधिकांश समय कुमाऊँ के नैनीताल शहर व तराई क्षेत्र के पास बसे शाहजहाँपुर शहर (उ.प्र.) में बीता।वह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शान्ति द

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