Chhabbis Kahaniyan (Dr. Naresh)

Dr. Naresh Author
Hardbound
Hindi
9789388434423
1st
2019
158
If You are Pathak Manch Member ?

कहानी में कल्पना की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन कहानी जितनी स्वानुभूत होगी, उतनी ही पाठक को लीलने में समर्थ होगी। इसके लिए लेखक को अपने निजी दुःखों के साथ-साथ अनेकानेक ओढ़े हुए दुःखों को भी भोगना पड़ता है। दुःख जिसके अन्दर जितना बुला हुआ होगा, उसकी रचना में उतनी अधिक शक्ति करवटें ले रही होगी। दुःख-वीथी की यात्रा सृजनात्मक ऊर्जा की जन्मदात्री होती है। कविता कहीं ऊपर से, ग़लिब के शब्दों में ‘गैब से उतरती है लेकिन कहानी सीता की तरह धरती के सीने में से जन्म लेती है। कहानी लिखना हाथ से फिसल रहे क्षणों को पकड़कर निचोड़ना है। क्षण को पकड़ लेना भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है, लेकिन हो सकता है हर बार उसे निचोड़ पाना सम्भव न हो। ये फिसलते हुए पल कहानीकार के अपने निजी पल भी हो सकते हैं, दूसरों के जीवन से चुराकर भोगे हुए पल भी हो सकते हैं। एक पल का एहसास अपनी सम्पूर्ण शक्ति के साथ फैलता है तो कहानी बन जाता है।

डॉ. नरेश (Dr. Naresh )

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter