इस बार होली में' मिश्र जी का नया कहानी-संग्रह है। इन कहानियो में वस्तु-वैविध्य तो है ही संरचनागत विविधता भी है। मिश्र जी की ये कहानियाँ भी गाँव और शहर दोनों से गुजरती हैं। दोनों में व्याप्त यथार्थ के अनुभव ही कहानियाँ बनते चले गए। इन कहानियों में गाँव और शहर के अनेक परिदृश्य हैं, चरित्र हैं,समस्याएँ हैं और संघर्ष के अनेक स्तर हैं। ये कहानियाँ पाठक को अपनी कहानियाँ लगेंगी।
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