Is Bar Holi Mein

Hardbound
Hindi
9789352294305
2nd
2019
120
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इस बार होली में' मिश्र जी का नया कहानी-संग्रह है। इन कहानियो में वस्तु-वैविध्य तो है ही संरचनागत विविधता भी है। मिश्र जी की ये कहानियाँ भी गाँव और शहर दोनों से गुजरती हैं। दोनों में व्याप्त यथार्थ के अनुभव ही कहानियाँ बनते चले गए। इन कहानियों में गाँव और शहर के अनेक परिदृश्य हैं, चरित्र हैं,समस्याएँ हैं और संघर्ष के अनेक स्तर हैं। ये कहानियाँ पाठक को अपनी कहानियाँ लगेंगी।

रामदरश मिश्र (Ramdarash Mishra)

जन्म : 15 अगस्त, 1924 को गोरखपुर ज़िले के डुमरी गाँव में। काव्य : पथ के गीत, बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ, पक गई है धूप, कन्धे पर सूरज, दिन एक नदी बन गया, मेरे प्रिय गीत, बाज़ार को निकले हैं लोग, जुलूस कहाँ जा रहा ह

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