Operation Blackhole

Hardbound
Hindi
9789387889439
1st
2018
144
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वरिष्ठ कथाकार महावीर राजी की कहानिया अपने अद्भुत शिल्प और शिल्प के कंगारू-गोद में दुबके अछूते कथ्यों की वजह से निश्चित रूप से सचेत पाठक वर्ग का ध्यान आकर्षित किये. बिना नहीं रह सकतीं। राजी के पास रूपकों और बिम्बों से गुँथी सशक्त मुहावरेदार भाषा है जो कहानियों के बहुआयामी कथ्यों को कलात्मकता के साथ पाठकों के अन्तः में इस कदर उतारती है कि पाठक एकबारगी सन्न रह कर खुद ही अन्तर्मुखी होता कथा-तत्त्वों के संग एकाकार होता चला जाता है । राजी ज़मीन से जुड़े दृष्टि सम्पन्न कथाकार हैं और अपने 'तीसरे' नेत्र से गिरगिट की तरह पल-पल रंग बदलते समग्र परिवेश पर पोस्टमार्टमी नज़र रखते हैं। इसीलिए इनकी कहानियों में दलितों ('सूखा', 'पानीदार'), कृषकों ('भाग्य विधाता'), शोषितों ('तन्त्र', 'वामन अवतार') और तलछट के कमज़ोर वर्गों ('दस क़दमों का फ़ासला’, ‘ऑपरेशन ब्लैकहोल') की कबूतर के नुचे पंखों-सी तार-तार असहाय चीखों के साथ-साथ 'अच्छे दिनों' के टूटते सपनों का पूरी शिद्दत के साथ संवेदनशील चित्रण हुआ है।


बेशक राजी किसी वाद या विमर्श-विशेष के प्रवक्ता नहीं हैं, लेकिन इनकी कहानियाँ संवेदना को झकझोरती पाठकों को स्वयमेव ही गहरे विमर्श के लिए विवश करती हैं और यही इन कहानियों की सार्थकता और सफलता है।

महावीर राजी (Mahavir Raji )

जन्म : 31 जुलाई, 1952 को कोलकाता के उपनगरीय कस्बे 'दक्षिणेश्वर' में । शिक्षा : कोलकाता से बी.कॉम. (एडवांस्ड एकाउण्ट्स में ऑनर्स, प्रथम श्रेणी), राँची से एल. एल. बी. । कृतियाँ : मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं

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