Dr. Tara Saxena

डॉ. तारा सक्सेना

डॉ. तारा सक्सेना लेखिका डॉ. चित्रा प्रसाद की माँ हैं ।
उन्होंने न केवल इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा दी वरन् इस पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद भी किया। 91 वर्ष की आयु में इतनी प्रतिभा और लगन वास्तव में अद्भुत है ।
लगभग 65 वर्षों से डॉ. तारा सक्सेना रेवाड़ी में महिला चिकित्सक के रूप में कार्य कर रही हैं। वो रेवाड़ी की प्रथम महिला चिकित्सक रही हैं उन्होंने स्वयं भी कई पुस्तकें लिखी हैं और वर्षों से समाज की सेवा में संलग्न हैं। उनके समाज सेवा और मेडिकल क्षेत्र के योगदान स्वरूप उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें कि ‘स्त्री शक्ति पुरस्कार' भी है। वो और उनके पति डॉ. सुरेश नारायण सक्सेना रेवाड़ी में रहते हैं जिसे दोनों ही अपनी कर्मभूमि मानते हैं।

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