Tarsem

तरसेम

तरसेम का जन्म 21 जुलाई, 1967 को बरनाला (पंजाब) में हुआ। वे शिक्षा विभाग, पंजाब में बतौर अध्यापक कार्यरत हैं। खुल्ली अक्ख का सुपना, माया, कमरियाँ तों बाहर बैठा घर, आवाज़ां गुफ्तगू च ने उनके पंजाबी के काव्य-संग्रह हैं। बाल साहित्य, अनुवाद और सम्पादन की लगभग सत्तर पुस्तकें छप चुकी हैं। साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली की तरफ़ से उन्हें साल 2014 में बांग्ला उपन्यास को पंजाबी (मन दा मनुख-सुनील गंगोपाध्याय) में अनुवाद करने के लिए 'अनुवाद पुरस्कार' प्राप्त हुआ, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान (उत्तर प्रदेश), लखनऊ की तरफ़ से वर्ष 2015 के लिए (बाल कहानी-संग्रह रिंकू की बुद्धिमत्ता) हिन्दीतर भाषी क्षेत्र में हिन्दी में काम करने के लिए 'शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय पुरस्कार' मिला। केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय (मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, नयी दिल्ली) की तरफ़ से साल 2015 का 'हिन्दीतर भाषी हिन्दी लेखक पुरस्कार' प्राप्त हुआ। साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली के द्वारा साल 2018 का बाल उपन्यास-टाहली वाली गली के लिए 'बाल साहित्य पुरस्कार' प्राप्त हुआ। वे राष्ट्रीय कवि दरवार में कई बार भाग ले चुके हैं। उनकी बाल कहानियाँ पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, मोहाली और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नयी दिल्ली के पाठ्यक्रम में पढ़ाई जा रही हैं।

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