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Kubernath Rai Rachnawali (Set of 13 Volume)

Paperback
Hindi
9789362879806
1st
2024
Set of 13 Volume
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₹6,500.00

कुबेरनाथ राय रचनावली (13 खंडों का सेट) - यदि नश्वरता देह की अनिवार्यता है तो अमरता अक्षर की नियति। भौतिक देह के मिट जाने पर भी सृजन अमिट बना रहता है। रचना की जन्मदात्री देह, अक्षरदेह में रूपान्तरित हो जाती है।
स्व. कुबेरनाथ राय के सृजनकर्म के ये तेरह खण्ड उनकी उसी अनश्वर और अमर अक्षरदेह के हैं जिन्हें सौंपते हम अनुभव करते हैं कि उनकी प्रखर और प्राणवान सर्जनात्मकता इनमें प्रत्यक्ष हो रही है।
कुबेर जी सच्चे अर्थों में अक्षर कुबेर थे, जिन्होंने अपने चिन्तन का अपूर्व कोष उदारतापूर्वक अपने पाठकों के बीच बाँट दिया। वे हिन्दी के ऐसे इकलौते सर्जक हैं जिन्होंने यह खुली स्वीकारोक्ति की, कि वे अपने पाठकों को समृद्ध करने के लिए लिखते हैं।
आर्य, द्रविड़, निषाद और किरात के चतुरानन को धारण किये ब्रह्मा, भारतीय कला के विभिन्न अनुशासनों की पारस्परिकता तथा रामायण की अनूठी व्यंजना उनके कृतित्व में भासमान होती है तथा वाणी के क्षीरसागर में उनकी ललित लेखनी के मराल तैरते हैं।
उनके ललित और सांस्कृतिक निबन्धों ने विश्व के निबन्ध लेखन में हिन्दी निबन्ध को गौरव के साथ प्रतिष्ठित किया है।
कुबेरनाथ राय रचनावली के ये तेरह खण्ड उनके ज्योतिर्मय कृतित्व के वे दीप हैं जिनके आलोक में हम इस महादेश की अविराम उज्ज्वल यात्रा के दीप्त पदचिह्नों को निहार सकते हैं।
–नर्मदा प्रसाद उपाध्याय

नर्मदा प्रसाद उपाध्याय (Narmada Prasad Upadhyaya)

नर्मदा प्रसाद उपाध्याय 30 जनवरी 1952 को पावन नर्मदा तट पर अवस्थित हरदा नगर में जन्मे श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय विगत लगभग 50 वर्षों से साहित्य, कला तथा संस्कृति के विभिन्न अनुशासनों के अध्ययन व

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मुहम्मद हारून रशीद ख़ान (Mohammad Harun Rashid Khan)

मुहम्मद हारून रशीद ख़ान 5 जुलाई 1969 को ग़ाज़ीपुर में जन्मे मुहम्मद हारून रशीद ख़ान हिन्दी में एम.ए. हैं तथा उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है। वे प्रो. कुबेरनाथ राय के शिष्य व स्नेहभा

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कुबेरनाथ राय (Kubernath Rai )

कुबेरनाथ राय - प्रख्यात ललित निबन्धकार। जन्म : 1935, मतसा (गाजीपुर) उत्तर प्रदेश। प्रमुख रचनाएँ : मराल, प्रिया नीलकण्ठी, रस आखेटक, गन्धमादन, निषाद बाँसुरी, विषाद योग, पर्णमुकुट, महाकवि की तर्जनी, मण

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