Jwala Aur Jal

Paperback
Hindi
9789357752350
6th
2024
72
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ज्वाला और जल -
'ज्वाला और जल' हरिशंकर परसाई की आरम्भिक रचनाओं में से एक है जिसके केन्द्र में एक ऐसा युवक है जो समाज की निर्ममता के कारण धीरे-धीरे एक अमानवीय अस्तित्व के रूप में परिवर्तित हो जाता है। लेकिन प्रेम और सहानुभूति के सानिध्य में वह एक बार फिर कोमल मानवीय सम्बन्धों की ओर लौटता है।
उपन्यासिका में फ़्लैश बैक का सटीक उपयोग हुआ है जिससे नायक विनोद के विषय में पाठकों की जिज्ञासा लगातार बनी रहती है। विनोद की कथा मानवीय स्थितियों से जूझते हुए एक अनाथ और आवारा बालक की हृदयस्पर्शी कथा है जिसे हरिशंकर परसाई की कालजयी क़लम ने एक ऐसी ऊँचाई दी है जो उस समय के हिन्दी साहित्य में दुर्लभ थी।

हरिशंकर परसाई (Harishankar Parsai)

हरिशंकर परसाईजन्म: 22 अगस्त, 1924। जन्म-स्थान: जमानी गाँव, जिला होशंगाबाद (मध्य प्रदेश)। मध्यवित्त परिवार। दो भाई, दो बहनें। स्वयं अविवाहित रहे। मैट्रिक नहीं हुए थे कि माँ की मृत्यु हो गई और लकड़ी के

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