महादेवी : प्रतिनिधि गद्य-रचनाएँ - आधुनिक युग की प्रमुख कवयित्री के रूप में सुविख्यात महादेवी वर्मा का परिचय (विस्तृत परिचय पुस्तक के आरम्भ में) तब तक पूरा नहीं होता, जब तक साहित्य का अध्येता उनके गद्य-साहित्य से परिचित नहीं हो लेता। वास्तव में यदि गद्य को ही साहित्यकार की कसौटी माना जाये तो महादेवी उस कसौटी पर शत-प्रतिशत खरी उतरती हैं। महादेवी गद्य की सिद्धहस्त लेखिका हैं। कुछ लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि कि पद्य की अपेक्षा वे गद्य में अधिक भावप्रवण और विचार-विदग्ध हैं। गद्य के माध्यम से वे अपने युग के प्रति एक असह्य वेदना, एक व्यापक प्रतिक्रिया और एक बेचैनी अभिव्यक्त करती हैं। काव्य का सीमित कलेवर शायद उस विविधता को समेटने में असमर्थ रहा था, जिसका वे वर्णन करना चाहती थीं और जिसके लिए उन्हें एक व्यापक क्षेत्र चाहिए था। यह उन्हें गद्य में मिला। प्रस्तुत संग्रह में महादेवी जी की 'अतीत के चलचित्र', 'स्मृति की रेखाएँ', 'क्षणदा', 'संकल्पिता', 'साहित्यकार की आस्था', 'श्रृंखला की कड़ियाँ', 'मेरा परिवार' आदि प्रमुख गद्य कृतियों से चुनिन्दा रचनाएँ संकलित हैं। पाठकों को समर्पित है पुस्तक का एक और नया संस्करण।
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