Sabse Udaas Kavita

Paperback
Hindi
9789357756976
1st
2024
76
If You are Pathak Manch Member ?

अपूर्वा : बोल सुकान्त । बोल रे । जब फाँसी का फन्दा गले में पड़ेगा तो तुम्हारे अन्तिम वाक्य के अन्तिम शब्द याद कर लूँगी। (एकदम भयभीत आवाज़) मुझे रोक लो सुकान्त । मुझे रोक लो रे!

सुकान्त : (उठा। उसके पास थोड़ा रुका, लँगड़ाकर गया। कन्धे पर हाथ रखा) अब कहाँ है हमारे बस में तुम्हें रोकना। जाना होगा। तुम्हें जाना ही होगा। बन गयी हो अब तुम सबसे उदास कविता । औरत सबसे उदास कविता होती है। लगातार संघर्ष करता लेकिन लगातार पराजित होता मज़दूर सबसे उदास कविता है। खेतों में शिशु को जन्म देती माँ सबसे उदास कविता है। निर्धनता सबसे उदास कविता है। बातूनी लड़की का अचानक चुप हो जाना सबसे उदास कविता है। मर रहे आदमी के बोले हुए अन्तिम वाक्य के जब अन्तिम शब्द याद रह जाते हैं, वह सबसे उदास कविता है।

सूर्यस्वामी : जो सूरज डूबता है, उदय भी होता है। जो बच्चा जन्म लेता है, बड़ा होता है, संघर्ष करता है। हमें लम्बी लड़ाई लड़ने की आदत है। और नहीं थम जाती यह लड़ाई किसी एक के मरने से । याद करो। क्या कहा है शेक्सपियर ने । कायर हज़ार बार मरते हैं मौत आने से पहले और योद्धा केवल एक बार वरण करते हैं मृत्यु का ।

-इसी पुस्तक से

स्वदेश दीपक (Swadesh Deepak)

स्वदेश दीपक हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित और प्रशंसित लेखक व नाटककार स्वदेश दीपक का जन्म रावलपिण्डी में 6 अगस्त, 1942 को हुआ। अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. करने के बाद उन्होंने लम्बे समय तक गाँधी म

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter