कहानी लिखना कला है, तो यह कला ज्ञानप्रकाश विवेक के पास है। सादगी के वैभव और भाषा की लय ने उनकी कहानियों को नया अन्दाज़ बख़्शा है।
पैंतालीस साल के लम्बे अदबी सफ़र में उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास, ग़ज़ल और ग़ज़ल-आलोचना जैसी विधाओं में, सफल हस्तक्षेप पैदा किया ।
उन्होंने अपने लेखन में एक बड़ी बात यह भी की है कि शब्द, भाषा, शैली को यान्त्रिक होने से बचाया और पठनीयता का जज्बा पैदा किया ।
वो, शान्त, कम-गो और धैर्यवान लेखक हैं। उनकी हर रचना के पसःमंज़र, वही धैर्य और निष्ठा महसूस होती है।
छोटी-सी दुनिया और अन्य कहानियाँ संग्रह की कहानियों में, वो एक महीन, जीवन्त और संवेदन लय से भरपूर दुनिया को रचते हैं।
ज्ञानप्रकाश विवेक की कहानियाँ इतनी चाक्षुष होती हैं कि उन्हें महसूस किया जा सकता है और देखा भी जा सकता है।
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