यह पुस्तक, उस परियोजना की परिणति है, जो आज़ादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका रही है जिसमें अनेक क्रांतिकारी, जिनका स्वर्णिम योगदान पटल पर नहीं आ सका है, उनके योगदानों को इसके माध्यम से लिपिबद्ध करने का प्रयास किया गया है। इसी क्रम में यह पुस्तक प्रतापगढ़ के योगदान पर आधारित है।
पुस्तक आठ अध्यायों में विभाजित है, जिसमें पहले के चार अध्याय अधिकांशतः द्वितीयक स्रोतों पर आधारित हैं जबकि अध्याय पाँच, छः, सात व आठ को क्षेत्रीय कार्य से एकत्रित तथ्यों पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। क्षेत्रीय कार्य करते हुए शहीद स्मारकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विवरण गाँव में जाकर संकलित किये गये । बुजुर्गों से मिलकर संस्मरण पूछे गये। इसी क्रम में सामूहिक साक्षात्कार व व्यक्तिगत साक्षात्कार लिये गये । जनपद के पत्रकारों, लेखकों व महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों से मिलकर तथ्यों को संकलित किया गया। पट्टी, उड़ैयाडीह, सैफाबाद, भयहरणधाम, बिल्खरकोट, रूरे, भदरी, कालाकाँकर, मधुपुर काँपा, लोहंगपुर, पूरबगाँव में क्षेत्रीय कार्य किया गया तथा स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित तथ्य संकलित किये गये।
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