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Uttar-Satyavad

Vivek Singh Author
Ebook
Hindi
124
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उत्तर- सत्यवाद

मौजूदा समय में जिन नयी अवधारणाओं की चर्चा हो रही है, पोस्ट ट्रुथ उनमें से एक है। पोस्ट ट्रुथ की पहले भी यदा-कदा चर्चा हो जाती थी पर डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के साथ-साथ इसकी चर्चा अचानक बढ़ गयी। पोस्ट ट्रुथ की जगह-जगह चर्चा होने लगी। उनके विरोधियों ने प्रचार किया कि विश्व के लोग यह जानते हैं कि ट्रंप के बयान अधिकतर झूठे हैं। पर लोग उन पर या तो आँख मूँदकर विश्वास कर ले रहे हैं अथवा सच या झूठ से उन्हें कोई फ़र्क ही नहीं पड़ रहा है। पोस्ट ट्रुथ की अवधारणा को समझने से पहले उन कारणों को जान लेना आवश्यक है जिनकी वजह से पोस्ट ट्रुथ का जन्म होता है। किसी भी समय में सत्य की स्वायत्तता इस बात पर निर्भर करती है कि मौजूदा सत्य कितना वस्तुनिष्ठ है। पोस्ट ट्रुथ को ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी ने 2016 में 'वर्ड ऑफ़ द इयर' चुना। इन सबके परिणामस्वरूप विद्वानों के बीच इस शब्द को लेकर विचारोत्तेजक बहस होती रही है।

पोस्ट-टूथ से आशय सत्य के समानान्तर छद्म सत्य के विचार को प्रसारित करना और लोगों को दिग्भ्रमित करना है। 21वीं सदी के भारत में तकनीकी व संचार माध्यमों ने आम जन-जीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया है। तकनीकी व संचार के साधन पोस्ट-टूथ के प्रचार-प्रसार में सहायक रहे हैं। प्रभु वर्ग अपने विचार को जनता का विचार मानता है। मौजूदा दौर में आमजन के विचारों को नियन्त्रित करने के लिए प्रभु संस्थाओं द्वारा पोस्ट ट्रुथ का सहारा लिया जाता रहा है। जनता समानान्तर सत्य के इस दौर में ऐसे दोराहे पर खड़ी है, जहाँ उसका भ्रमित होना ही उसकी नियति है। आज पोस्ट ट्रुथ के घेरे में इतिहास, तर्क, विचार और वैज्ञानिकता है।

पोस्ट-टुथ किसी भी समाज के लिए वस्तुनिष्ठता तक पहुँचने में बाधक है। पोस्ट ट्रुथ प्रभु वर्ग का वह हथियार है जिससे वह सत्य को खण्डित कर रहा है। सत्य की रक्षा के लिए पोस्ट-टुथ की अवधारणा और उसकी सामाजिक-राजनीतिक उपस्थिति को समझना होगा और जनसामान्य की वैज्ञानिक और तार्किक चेतना के लिए संघर्ष करना होगा।

लेखक ने उपयुक्त समय में उत्तर-सत्यवाद पुस्तक का लेखन किया है। इस पुस्तक के द्वारा पोस्ट-टुथ से जुड़े अनेक मुद्दे स्पष्ट हो जायेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि यह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी साबित होगी। पुस्तक के लेखन के लिए डॉ. विवेक सिंह साधुवाद के पात्र हैं।

-प्रो. ओमप्रकाश सिंह

विवेक सिंह (Vivek Singh)

डॉ. विवेक सिंह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में अंग्रेज़ी के सहायक प्रोफ़ेसर हैं। इन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। एम.फिल.

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