Antim Kshitij Ka Pradesh

Paperback
Hindi
9789355183347
1st
2022
200
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अन्तिम क्षितिज का प्रदेश - जहाँ आसमान और ज़मीन का मिलन होता है, जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते हुए दिखाई देते हैं, उस स्थान को क्षितिज कहते हैं। दृष्टि की पहुँच की अन्तिम सीमा यानी क्षितिज । वैसे क्षितिज यानी पृथ्वी का अन्तिम छोर भी माना जाता है। उसके आगे सिर्फ़ आसमान होता है। लेकिन यह क्षितिज पृथ्वी पर हमें कहीं भी दिखाई देता है। जहाँ आसमान ज़मीन पर उतरता है, जहाँ ज़मीन आसमान से मिलने हेतु ऊपर उठती है। दोनों के मिलन का यह दृश्य बड़ा अद्भुत होता है, जो आपको अभिभूत कर देता है, एक अद्भुत अहसास से भर देता है। इस अहसास में अनेक भावनाओं, रंगों का समामेलन होता है। सिक्किम में हमने यह क्षितिज देखा था, हिमालय की उच्चतम चोटी और आसमान के मिलन के साथ । उस उच्चतम क्षितिज के दर्शन के बाद और दूसरा उतना उच्चतम क्षितिज हमें कहीं दिखाई देने वाला नहीं था। वह अन्तिम क्षितिज है, भारत के उस छोर का और उस क्षितिज के वाद भारत के लिए उस ओर कोई दूसरा क्षितिज दिखाई देना, सम्भव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।

-इसी किताब से

डॉ. सुलभा कोरे (Dr. Sulabha Kore )

डॉ. सुलभा कोरे मुम्बई विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर और एसएनडीटी से पीएच.डी. ।'स्पर्शिका', 'स्पर्श हरवलेले' मराठी काव्य संकलनों के अलावा हिन्दी में 'तासीर' और 'एक नया आकाश' काव

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