Nepathya Raag

Meera Kant Author
Paperback
Hindi
9789355183378
2nd
2023
64
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‘नेपथ्य राग' उस रागिनी की कथा है जो युग युगान्तर से समाजरूपी रंगमंच के केन्द्र में आने के लिए संघर्षरत है। इसी संघर्ष को नाटक प्रस्तुत करता है इतिहास और पौराणिक आख्यान की देहरी पर प्रज्वलित एक दीपशिखा के माध्यम से जिसे नाम मिला है' खना'।

नाटक का आरम्भ आधुनिक परिवेश में कथावाचन शैली में होता है। माँ अपनी कामकाजी बेटी मेधा को एक कहानी सुनाती है-खना की कहानी। यह कहानी पुरुष सहकर्मियों से सहयोग न मिल पाने के कारण दुःखी मेधा के दर्द को एक बृहत्तर आयाम देती है। नाटक में खना यानी एक प्रतिभावान, अध्यवसायी स्त्री की वेदना की कथा को पिरोया गया है।

नाटक प्रतीकात्मक है क्योंकि वैचारिक अभिव्यक्ति से रहित स्त्री ही समाज को स्वीकार्य रही है। यह दृष्टिकोण पीढ़ी-दर-पीढ़ी पारम्परिक रूप से शताब्दियों से बहता चला आया है और इसने जनमानस में अपनी जमीन तलाश ली है। इसी जमीन पर समय-समय पर कहीं-कहीं फूटते हैं पौधे दर्द के, चुभन के - इस एहसास के कि खना शताब्दियों पहले भी नेपथ्य में थी और आज भी सही मायने में नेपथ्य में ही है।

मीरा कान्त (Meera Kant)

मीरा कान्त

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