इस पुस्तक में इरफ़ान हबीब के भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन और राष्ट्रवाद से सम्बन्धित ग्यारह निबन्ध संकलित हैं जिनमें उन्होंने भारतीय राष्ट्र की अवधारणा और उसके विकास का प्रामाणिक परिचय दिया है। गाँधी जी के विषय में उनके विचार विशेष रूप से आकृष्ट करते हैं। उन्होंने राष्ट्रवाद सम्बन्धी बहस में प्रगतिशील राष्ट्र अथवा समावेशी राष्ट्र के महत्त्व को रेखांकित किया है जो इस दौर के मूल स्वभाव और उसकी सामासिक संस्कृति के अनुरूप है। देश का भविष्य भी इसी अवधारणा के साथ सुरक्षित है।
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