यह दाग़ दाग़ उजाला - क़ुर्रतुलऐन हैदर की कहानियाँ अपनी विषयवस्तु, चरित्र चित्रण, तकनीक, भाषा और शैली हर तरह से उर्दू कहानी साहित्य में उल्लेखनीय 'इज़ाफ़ा' मानी जा सकती हैं। इन्सान और इन्सानियत पर गहरा विश्वास उनकी कहानी-कला और चिन्तन में केन्द्रबिन्दु की हैसियत रखता है। उनकी किसी भी कहानी को भारत की विशेष गौरवशाली संस्कृति, उसकी चिन्तन-परम्परा, उसके इतिहास, उसके भूगोल या एक शब्द में कहना चाहिए कि उसके जीवन से पृथक् करके सही तौर पर नहीं समझा जा सकता। पिछले दशकों में उन्होंने कहानी-कला को जो नयी दिशाएँ, नये आयाम दिये, उर्दू कहानी के माध्यम से भारतीय लेखन-परम्परा में उनका अमूल्य योगदान और शानदार कारनामा है।
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