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स्वर्ग की यातना

Hardbound
Hindi
9789355188625
1st
2023

14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान की आज़ादी के तुरन्त बाद कश्मीर रियासत का पाकिस्तान राज्य से किया गया यथावत् समझौता (Stand Still Agreement ) ऐसी ही योजना की दिशा में उठाया गया क़दम था। महाराजा की इच्छा भारतीय राज्य से भी यथावत समझौते की थी परन्तु भारत का ऐसा करना, कश्मीर को अपने समकक्ष, राज्य को मान्यता देना होता है जो तत्कालीन नेतृत्व को मंज़ूर नहीं था। उसका यह विचार तकनीकी रूप से उचित भी था। यह अलग बात है कि कश्मीर को हड़पने के मामले में पाकिस्तान का सब्रेक़रार बहुत जल्दी टूट गया और समझौते का उल्लंघन करते हुए उसने सैन्य अभियान को हरी झण्डी दे दी ( बलोचिस्तान का उदाहरण भी सामने है, जिससे पाकिस्तान ने यथावत समझौता तोड़ जनवरी 1948 में जबरन राज्य में मिला लिया था, जिसका विरोध आज तक जारी हैं) अक्टूबर 1947 में कश्मीर पर पाकिस्तानी आक्रमण ने महाराजा को विवश कर दिया कि उन्हें स्वतन्त्र राज्य के अस्तित्ववादी विचार को छोड़ भारत से सैन्य सहायता माँगनी पड़ी। ज़ाहिर था कि भारतीय राज्य को रियासत के विलयन के बिना यह सहायता मुहैया कराना मंजूर नहीं होता। अन्ततः 26 अक्टूबर 1947 को कश्मीर भारतीय राज्य का अंग बन गया। यहाँ से कहानी कैसे मोड़ लेती है, उसे आप किताब में पढ़ेंगे।

- अपनी बात से

अशोक चन्द्र Ashok Chandra

अशोक चन्द्रजन्म : 08 अगस्त, 1956 जौनपुर (उ.प्र.) के छोटे से गाँव लखरैयाँ में। ग्रामीण परिवेश में प्राथमिक शिक्षा के बाद बी. आई.टी., सिन्दरी (झारखण्ड) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक। वहीं अध्यापन से न

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