• Out Of Stock

Loi

Paperback
Hindi
9789355188755
1st
2023
156
If You are Pathak Manch Member ?

₹299.00

लगभग 600 वर्ष पूर्व जन्मी एक अति साधारण मल्लाह की बेटी लोई मेरे सामने आ खड़ी हुई है, स्त्री के अवला व्यक्तित्व पितृसत्ता द्वारा प्रचारित रूढ़ मिथ को तोड़ती हुई। एक आभासी काया के रूप में कहती हुई, “मेरी ओर देखो। मैं पितृसत्ता के द्वारा गढ़ी गयी उनके संकेतों की दास स्त्री नहीं हूँ। मैं वह स्त्री हूँ, जिसने अपने हाथों से समय के संक्रमणों के बीच स्वयं को गढ़ा है। मैंने मीरा की तरह स्वयं को अन्वेषित किया है, ज़हर का प्याला हँसते-हँसते कण्ठ से नीचे उतारा है। मैंने महाभारतकाल में स्त्री- अस्मिता के प्रश्नों से पाण्डव और कौरव कुल को कठघरे में खड़ा करने वाली स्वतन्त्रचेता द्रौपदी के साथ-साथ इतिहास के उन पन्नों को जिया ही नहीं है, गवाह हूँ उस चौसर के दाँव की जिसने मेरे भीतर के हवन कुण्ड को प्रज्वलित कर दिया अपनी अस्मिता के प्रतिकार के लिये। हाँ, मैं वही लोई हूँ।"

- चित्रा मुद्गल

 (भूमिका से)


नाटक की शुरुआत में सूत्रधार का सवाल कि लोई कौन है? इसीलिए लिखा ताकि आप लोई को पढ़ते-देखते समय एक भारतीय स्त्री की कहानी पढ़ें। लोई को बिना कबीर के देखना मुमकिन नहीं है, लेकिन कबीर बरगद की विशालता लिये हुए आते हैं कि लोई उसकी छाँव की बेल की तरह हो जाती है, जिसका अस्तित्व ही नहीं पता चलता है। सबसे पहले लोई पर लम्बी कविता लिखने का विचार आया। एक ड्राफ्ट लिखा भी, कविता की मेरी कहन लोई के स्वाभिमान को अभिव्यक्ति देने में असफल रही। एक-दो मित्रों से चर्चा के बाद सोचा, उपन्यास लिखूँ, लेकिन लगा कि उससे भी मेरा मन सन्तुष्ट नहीं हो पायेगा। मेरे सामने जीती-जागती लोई खड़ी थी। ऐसी लोई को साकार स्वरूप में खड़ा करने की इच्छा हो तो नाटक से बेहतर विकल्प कुछ और नहीं हो सकता था।

- इसी पुस्तक का एक अंश

प्रताप सोमवंशी (Pratap Somvanshi)

प्रताप सोमवंशी जन्म : 20 दिसम्बर 1968। गाँव-हरखपुर (मानधाता), प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश।शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी)।पेशे से पत्रकार। साहित्य के अलावा कृषि, पर्यावरण, शिक्षा और राजनीति में विशेष रुचि।मला

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter