Teesra Saptak

Paperback
Hindi
9788119014064
12th
2023
240
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तीसरा सप्तक

जैसा कि एक विकासमान काव्य-परम्परा में उचित ही था, कविता-सप्तकों के अनुक्रम में यह तीसरा सप्तक पहले दोनों से आगे बढ़ा हुआ है। यह या पिछले दोनों 'सप्तक' अपने युग के सर्वोत्तम सात कवियों का संकलन हैं, ऐसा कोई दावा नहीं है। पर उत्सुक पाठक-वर्ग के सामने एक साथ इतने विशिष्ट कवियों का कृतित्व प्रस्तुत करने का काम केवल 'सप्तक' ही करते रहे हैं। ये संकलन न केवल उनका प्रतिनिधित्व करते हैं वरन् अपने युग का भी। और यह भी सत्य है कि तार सप्तक, दूसरा सप्तक और तीसरा सप्तक नयी हिन्दी - कविता के इतिहास का अनिवार्य अंग बन चुके हैं।

आधुनिक काल में किसी भी कला की साधना साहस- कर्म है। काव्य-रचना में तो यह साहस निहित है ही, क्योंकि आज वह एक वैचारिक साहसिकता भी माँगती है। इस 'एड्वेंचर ऑव आइडियाज़' में कवि और पाठक-वर्ग सहभागी होता रहे - यही 'सप्तकों' का उद्देश्य है, और इसी दृष्टि से उनका सम्पादन हुआ है। समकालीन समीक्षा में उनकी चर्चा इसका प्रमाण है कि उन्होंने काव्य-चिन्तन को कितनी प्रेरणा दी है।

प्रस्तुत है तीसरा सप्तक का यह नवीन संस्करण।

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Agyeya')

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च 1911-4 अप्रैल 1987) -मानव मुक्ति एवं स्वाधीन चिन्तन के अग्रणी कवि-कथाकार-आलोचक-सम्पादक ।कुशीनगर, देवरिया (उ.प्र.) में एक पुरातत्त्व उत्खनन शिविर में ज

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सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Agyeya')

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च 1911-4 अप्रैल 1987) -मानव मुक्ति एवं स्वाधीन चिन्तन के अग्रणी कवि-कथाकार-आलोचक-सम्पादक ।कुशीनगर, देवरिया (उ.प्र.) में एक पुरातत्त्व उत्खनन शिविर में ज

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