Qatara-Qatara

Fehmida Riyaz Author
Paperback
Hindi
8170557186
9788170557180
2nd
2010
80
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उर्दू-शायरी में फ़हमीदा रियाज़ की शायरी एक मुकाम पर है। पाकिस्तान की परवीन शाकिर व किश्वर नाहिद शायराओं ने विश्व शायरी को एक नया मोड़ दिया है। उनकी शायरी का तेवर विश्व की महिला शायरों में गिना जाता है।
उनकी शायरी की एक बानगी गौरतलब है ।

लुकती- छुपती धूप और बादल
ये आकाश के नन्हे बादल
खेल रहे हैं हँसते-हँसते
किलकारी भरते सब्जे को
शोख हवा गुदगुदा रही है
मैं भी अपने पंख झटक कर
पर तोलूँ और भरूँ उड़ानें
अपने बदन में खुद खो जाऊँ
ये तन का आकाश, ये धरती
धीरे-धीरे फैल रहे हैं
और मेरे हाथों के पखेरू
ये चंचल बेचैन परिन्दे
एक अनोखे राज से बेकल
धरती में कुछ ढूँढ़ रहे हैं

प्रदीप 'साहिल' (Pradeep 'Sahil')

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फ़हमीदा रियाज़ (Fehmida Riyaz)

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