Ujale Apni Yadon Ke

Vijay Vate Author
Paperback
Hindi
9789352291748
6th
2023
116
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उजाले अपनी यादों के -
बशीर बद्र की शायरी व ग़ज़लें -
हिन्दोस्तान की दूसरी ज़ुबानों में ग़ज़ल के लिए जो इज़्ज़त और मोहब्बत पैदा हुई है, उसमें बशीर बद्र का नुमाया हिस्सा है। जो ज़िन्दगी के तफ़क़्कुर (समस्याओं) को तग़ज़्जुल बनाते हैं। उनका कमाल ये है कि वो अच्छी शायरी करके भी मक़बूल (लोकप्रिय) हुए हैं। मेरे नज़दीक इस वक़्त हिन्दुस्तान में और हिन्दुस्तान से बाहर उर्दू ग़ज़ल की आबरू बशीर बद्र हैं। -डॉ. ख़लीक अंजुम, दिल्ली

बशीर बद्र की ग़ज़ल, ज़िन्दगी की धूप और एहसास के फूलों की ग़ज़ल है, यही उनकी शायरी का बुनियादी मिज़ाज है। बशीर बद्र ने ग़ज़ल को जो महबूबियत, विकार (गरिमा), एतबार और वज़ाहत (सौन्दर्य) दी है, वो बेमिसाल है। बशीर बद्र से पहले किसी की ग़ज़ल को ये महबूबियत नहीं मिली। मीरो-गालिब के शेर बहुत मशहूर हैं, लेकिन मैं पूरे एतमाद (विश्वास) से कह सकता हूँ कि आलमी पैमाने पर बशीर बद्र की ग़ज़लों के अशआर से, किसी के शेर मशहूर नहीं हैं, उसकी वजह यह है कि उन्होंने आज के इन्सान के नफ़्सियाति (मनोवैज्ञानिक) मिज़ाज की तर्ज़ुमानी जिस आलमी उर्दू के ग़ज़लिया उस्लूब (शैली) में की है, वो इससे पहले मुमकिन भी नहीं थी। इस एतराफ़ (स्वीकृति) में बुख़ल (संकोच) से काम नहीं लेना चाहिए कि वो, इस वक़्त दुनिया में ग़ज़ल के सबसे महबूब शायर हैं।
-अबुल फैज़ सहर (उर्दू प्रमोशन बोर्ड दिल्ली)

विजय वाते (Vijay Vate)

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