आदमी -
आदमी हिन्दी अनुवाद है उस प्रलयात्मक जर्मन नाटक का जिसके कथानक में, पात्रों में, संवादों में, दृश्यों में जीवन के कम्पनों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है। बन्दीघर में तेज़ चढ़ते हुए बुखार की अवस्था में लेखक ने यह नाटक लिखना आरम्भ किया और उस समय समाप्त किया जब क़लम उसकी जलती हुई शक्तिहीन उँगलियों से छूट कर गिर पड़ी।
यह नाटक साधारण से साधारण पाठक के मन व मस्तिष्क को उच्च से उच्च और गम्भीर से गम्भीर बना देता है। साधारण व्यक्ति को उच्चतम साहित्य से आनन्दित और प्रभावित अवसर प्रदान करता है। इस नाटक में शक्ति और गुण हैं ......
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