• Out Of Stock

Patrakarita Aur Press Adhiniyam

Sushil Bharti Author
Hardbound
Hindi
9789387919679
1st
2019
264
If You are Pathak Manch Member ?

₹500.00

पत्रकारिता और प्रेस अधिनियम - अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता किसी लोकतान्त्रिक देश के नागरिक को संविधान के तहत मिला सबसे बड़ा अधिकार होता है। इसके बिना लोकतन्त्र की व्यवस्था नहीं चल सकती है। इसीलिए इसे मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल किया जाता है। लेकिन हर अधिकार के साथ कुछ कर्तव्य भी जुड़े होते हैं। कुछ नियमों का पालन करना होता है। एक अनुशासन की ज़रूरत पड़ती है अन्यथा स्वतन्त्रता स्वछन्दता में परिणत होकर विध्वंसकारी हो सकती है। पत्रकारिता अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के प्रयोग का सबसे उपयुक्त मंच है। लेकिन यह पतली रस्सी पर नंगे पाँव चलने की कारीगरी है। इसमें ज़रा-सा सन्तुलन बिगड़ने पर भारी क़ीमत चुकानी पड़ जाती है। जाने-माने पत्रकार सुशील भारती की यह पुस्तक इस मायने में महत्त्वपूर्ण और संग्रहणीय है कि इसमें पत्रकारिता के विभिन्न स्वरूपों से सम्बन्धित अधिनियमों और संस्थानों की जानकारी उनके ऐतिहासिक सन्दर्भ के साथ एक जगह दी गयी है। ख़ासतौर पर ऐसे समय जब पत्रकारिता का दायरा प्रिन्ट, रेडियो, टी.वी. और डिजिटल माध्यमों से लेकर सोशल मीडिया तक विस्तृत हो चुका है और हर व्यक्ति के लिए चाहे वह पेशेवर पत्रकार हो अथवा सामान्य नागरिक, अभिव्यक्ति के सैकड़ों प्लेटफार्म खुले हुए हैं, यह एक ज़रूरी सन्दर्भ पुस्तक हो सकती है।

सुशील भारती (Sushil Bharti)

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter