Vishwa Cinema Ka Saundryabodh

Hardbound
Hindi
9789326352970
3rd
2018
244
If You are Pathak Manch Member ?

विश्व सिनेमा का सौन्दर्यबोध - विश्व सिनेमा के परिदृश्य पर दृष्टि डालें और पूरे शताब्दी भर से गुज़रें तो हम पायेंगे कि विश्व सिनेमा की सैद्धान्तिकी और उसके सौन्दर्यशास्त्र पर जितना काम किया जा चुका है वह अब भी हिन्दी में पूरी तरह नहीं आ पाया है। निःसन्देह, बीसवीं शताब्दी का सिने जगत विभिन्न और महान उपलब्धियों से भरा पड़ा है। पश्चिम के सिनेमा का प्रभाव सारे विश्व पर स्पष्ट दिखता है। विश्व सिनेमा का स्वरूप और उसके सैद्धान्तिकी में सौ बरस से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद बदलाव जारी है। आंते मिशैलसन, पार्कर टेलर, डेविट बोर्डवेल, रूडोल्प आर्नहीम, राबर्ट स्कोल्स, जार्ज ब्लूस्टोन, आले रॉब्ब ग्रिये, रिचर्ड मेरनबार्सम, आन्द्रेई तारकोवस्की, जूरिज लोटमान, ब्रेन एंडरसन आदि विश्व-प्रसिद्ध निर्देशकों के सिने सिद्धान्तों पर प्रस्तुत पुस्तक सिनेमा के पाठकों को उसके बुनियादी सैद्धान्तिकी से न सिर्फ़ परिचय कराती है बल्कि सोच को विस्तार देकर उसे और परिपक्वता प्रदान करती है। भारतीय सिनेमा के सौ बरस पूरे होने के अवसर पर प्रकाशित यह पुस्तक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है कि इसके माध्यम से हमें अपनी सिने उपलब्धियों पर विचार करने का महत्त्वपूर्ण आधार मिल जाता है। सिनेमा के अध्येताओं लिए बेहद पठनीय व संग्रहणीय पुस्तक।

श्रीराम तिवारी (Shriram Tiwari)

श्रीराम तिवारी - कवि, संस्कृतिकर्मी, मीडिया विशेषज्ञ श्रीराम तिवारी की कला, संस्कृति, जनजातीय विषयों पर सम्पादित कोई 70 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। अनेक फ़िल्मों, डाक्यूड्रामा, रेडियो क

show more details..

प्रभुनाथ सिंह आजमी (Prabhunath Singh Azami)

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

Related Books

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter