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लता : सुर गाथा

Hardbound
Hindi
9789350728413
1st
2016

उनकी आवाज़ से चेहरे बनते हैं। ढेरों चेहरे,जो अपनी पहचान को किसी रंग-रूप या नैन -नक्शे से नहीं, बल्कि सुर और रागिनी के आइनें में देखने से आकार पते हैं। एक ऐसी सलोनी निर्मिती, जिसमे सुर का चेहरा दरअसल भावनाओं का चेहरा बन जाता है। कुछ-कुछ उस तरह,जैसे बचपन में पारियों की कहानियों में मिलने वाली एक रानी परी का उदारता और प्रेम से भीगा हुआ व्यक्तित्व हमको सपनों में भी खुशियों और खिलोंनों से भर देता था। बचपन में रेडियों या ग्रामोफोन पर सुनते हुए किसी प्रणय-गीत या नृत्य की झंकार में हमें कभी यह महसूस ही नही हुआ कि इस बक्से के भीतर कुछ निराले द्गंग से मधुबाला या वहीदा रहमान पियानो और सितार कि धुन पर थिरक रही हैं, बल्कि वह एक सीधी-सादी महिला कि आवाज़ कम झीना सा पर्दा है, जिस पर फूलों का भी हरसिंगार कि पंखुरियों का रंग और धरती पर चंद्रमा कि टूटकर गिरी हुई किरणों का झिलमिल पसरा है।

यतीन्द्र मिश्र Yatindra Mishra

यतीन्द्र मिश्रहिन्दी के प्रतिष्ठित रचनाकार। भारतीय संगीत और सिनेमा विषयक पुस्तकें विशेष चर्चित । अब तक चार कविता-संग्रह समेत शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी पर 'गिरिजा', नृत्यांगना सोनल मानस

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