Thanda Loha

Hardbound
Hindi
9789357756174
8th
2024
100
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ठण्डा लोहा -

ठण्डा लोहा धर्मवीर भारती की प्रारम्भिक कविताओं का संग्रह है। इस संग्रह की कविताओं की अन्तरंग दुनिया ऐसे अनुभूति - केन्द्र पर उजागर हुई है जहाँ दिन, महीने और बरस उसकी ताज़गी और महमहाते टटकेपन को रंचमात्र भी मैला नहीं कर पाते । स्वयं भारती जी के शब्दों में-

"इस संग्रह में दी गयी कविताएँ मेरे आरम्भिक छह वर्षों की रचनाओं में से चुनी गयी हैं और चूँकि यह समय अधिक मानसिक उथल-पुथल का रहा, अतः इन कविताओं में स्तर, भावभूमि, शिल्प और टोन की काफ़ी विविधता मिलेगी । एकसूत्रता केवल इतनी है कि सभी मेरी कविताएँ हैं, मेरे विकास और परिपक्वता के साथ उनके स्वर बदलते गये हैं; पर आप ज़रा ध्यान से देखेंगे तो सभी में मेरी आवाज़ पहचानी-सी लगेगी ।... मेरी परिस्थितियाँ. मेरे जीवन में आने और आकर चले जाने वाले लोग, मेरा समाज, मेरा वर्ग, मेरे संघर्ष, मेरी समकालीन राजनीति और साहित्यिक प्रवृत्तियाँ, इन सभी का मेरे और मेरी कविता के रूप-गठन और विकास में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भाग रहा है।... किशोरावस्था के प्रणय, रूपासक्ति और आकुल निराशा से एक पावन, आत्मसमर्पणमयी वैष्णव भावना और उसके माध्यम से अपने मन के अहम् का शमन कर अपने से बाहर की व्यापक सचाई को हृदयंगम करते हुए संकीर्णताओं और कट्टरता से ऊपर एक जनवादी भावभूमि की खोज - मेरी इस छन्द-यात्रा के प्रमुख मोड़ रहे हैं।"

प्रस्तुत है ठण्डा लोहा का यह नवीनतम संस्करण ।

धर्मवीर भारती (Dharmveer Bharti)

धर्मवीर भारती जन्मः इलाहाबाद में 25 दिसम्बर, 1926 को। बचपन में पिता की मृत्यु हो जाने से किशोरावस्था से ही गहरा आर्थिक संघर्ष। 1945 में प्रयाग विश्वविद्यालय में हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर

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