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शायरी के नया मोड़ (भाग-4)

Hardbound
Hindi /Urdu
8126300299
2nd
1999
4th
240
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शाइरी के नये मोड़ -

1935 से 1958 तक उर्दू शाइरी ने कई मोड़ लिये हैं। शाइरी के नये मोड़ के पाँच भागों में

इसी दौर के प्रतिष्ठित प्रगतिशील और प्रयोगवादी शाइरों के श्रेष्ठ कलाम और परिचय प्रस्तुत हैं : पहला मोड़ : इस भाग में 1946 से मार्च 1958 तक की उर्दू शाइरी की एक झलक, और मशहूर शाइरों की प्रतिनिधि रचनाओं का चयन है। दूसरा मोड़ : 1935 से अक्तूबर 1958 तक की उर्दू शाइरी पर नज़र और छह चुनिन्दा शाइरों के कलाम और जीवन-परिचय । तीसरा मोड़ : उर्दू के दो महान् उर्दू शाइरों : इसरारुलहक मजाज़ और फैज़ अहमद फ़ैज़ के श्रेष्ठतम कलाम और जीवन-परिचय । चौथा मोड़ : प्रमुख तरक़्क़ीपसन्द

शाइरों : अली सरदार जाफरी, जाँ निसार अख़्तर और साहिर लुधियानवी के परिचय और श्रेष्ठ कलाम । पाँचवाँ मोड़ : प्रख्यात आधुनिक उर्दू शाइरों : नरेश कुमार 'शाद', वामिक जौनपुरी, क़तील शिफाई और मजरूह सुलतानपुरी के परिचय और कलाम ।

उर्दू-साहित्य के प्रखर अध्येता और मनस्वी विचारक अयोध्याप्रसाद गोयलीय की इस ऐतिहासिक महत्त्व की पुस्तक का प्रस्तुत है नया संस्करण ।

अयोध्या प्रसाद गोयलीय (Ayodhya Prasad Goyaliya )

अयोध्या प्रसाद गोयलीय जन्म : दिसम्बर 1902 में बादशाहपुर, गुड़गाँव, हरियाणा में। प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा कोसी-कलाँ मथुरा (ननिहाल) में । तत्पश्चात् चौरासी-मथुरा में उच्च शिक्षा के दौरान न्याय,

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