Seedhiyon Ka Bazar

Mukta Author
Hardbound
Hindi
8126312297
2nd
2010
112
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सीढ़ियों का बाज़ार - मुक्ता की कहानियाँ अपने खरे रूप में समकालीनता की कहानियाँ हैं। उनका कथा-संसार भावनात्मक कशमकश और गहरे अन्तर्द्वन्द्रों की अभिव्यक्ति है। यह भाव-बोध यथार्थ-भेदन का अस्त्र भी है जिसके माध्यम से ये कहानियाँ यथार्थ के पार भी देख रही होती हैं। पुरुष और स्त्री यहाँ नारों में नहीं हैं, वे जीवन के गतिशील प्रवाह के साझेदार हैं। मुक्ता की कहानियों के पात्र पीड़ा और छटपटाहट झेलती स्त्रियाँ हैं, लेकिन वे विवश नहीं हैं, वे सूर्य को सम्बोधित करती स्त्रियाँ हैं। ये कहानियाँ अपनी सामाजिक संरचना और समय के वर्तमान दूषित परिवेश में हाशिये की ज़िन्दगी जी रहे सामाजिक न्याय से वंचित जन की पीड़ा और संघर्ष को भी रेखांकित करती हैं। साथ ही उनकी अधिकार-चेतना के प्रति मुखर हैं। मुक्ता की इन कहानियों की एक अन्य विशेषता है—अनुभवों की विविधता। भाषा की निजता और सौन्दर्य लिए ये कहानियाँ लय की तरह खुलती जाती हैं।

मुक्ता (Mukta )

मुक्ता - जन्म: 8 जून, 1954 मथुरा (उ.प्र.)। शिक्षा: बी.एच.यू. से बैचलर ऑफ़ फार्मेसी तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रवीण (कथक)। उत्तर प्रदेश के विभिन्न राजकीय पॉलिटेकनिक संस्थानों में अध्यापन कार्य

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