Satrah Kahaniyan

Amrita Pritam Author
Paperback
Hindi
9788196102784
14th
2023
128
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सत्रह कहानियाँ :दर्द और दीवानगी के कुछ लम्हे ऐसे होते हैं, जिन्हें ज़िन्दगी का किरदार झेल नहीं पाता, लेकिन कहानी का विस्तार उसे झेल लेता है....कई बार कोई आवाज़, एक कम्पन से बढ़कर कुछ नहीं कह पाती, उस बेगाना दर्द को लफ़्ज़ों में ढालना है, तो कहानीकार का भी बहुत कुछ पिघलकर, उसके साथ ढलने लगता है....कहानी हर बार किसी नये कोण से दस्तक देती है... कई बार एक टूटी-सी चीख़ की तरह....बहुत पहले ऐसे ही कुछ एहसास भोजपत्रों को मिले होंगे और उससे भी पहले पत्थरों, शिलाओं ने कुछ लकीरों में सँभाल लिये होंगे फिर भी तब से लेकर आज तक जाने कितनी कहानियाँ बहती हुई हवा के बदन पर लिखी जाती हैं, जो वक़्त से बेगाना हो जाती हैं....ये थोड़े से हरफ़ जो साँसों से निकलकर दामन पर गिर गये, बस वही तो हैं....- अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम (Amrita Pritam)

अमृता प्रीतम (1919 - 2005) भारतीय साहित्य में कथाकार एवं कवयित्री के रूप में एक बहुचर्चित नाम । 31 अगस्त, 1919 को गुज़राँवाला (पंजाब) में जन्म । बचपन बीता लाहौर में, शिक्षा भी वहीं हुई। किशोरावस्था से लिख

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