Ravindranath Thakur Ke Do Natak

Nemichandra Jain Translator
Hardbound
Hindi
9788126319961
2nd
2014
56
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रवीन्द्रनाथ ठाकुर के दो नाटक - भारतीय साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार कविगुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर की रचनाशीलता का प्रत्येक आयाम सहृदय पाठक को ज्ञानानन्द के अपार में ला छोड़ता है। विश्वकवि रवि बाबू की कीर्ति अक्षय है और उनकी रचनाओं की महत्ता असन्दिग्ध 'रवीन्द्रनाथ ठाकुर के दो नाटक' पुस्तक में उनके दो नाटकों— 'डाकघर' एवं 'ख्यातीर विडम्बना' का यशस्वी रंगमर्मज्ञ नेमिचन्द्र जैन द्वारा किया गया हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 'डाकघर' एक बहुलार्थी नाटक है, जो जीवन और मृत्यु के शाश्वत तटों के बीच गतिशील है। 'हाय मेरा चन्दा' एक हास्यबोध सम्पन्न नाटक है, जो मनोरंजन के साथ झीना सन्देश भी प्रदान करता है। ये दोनों नाटक अनेक बार मंचित हो चुके हैं। इन्हें सामाजिकों की व्यापक हार्दिकता प्राप्त हुई है। विश्वास है, इस पुस्तक से हिन्दी में नाट्यालेखों की क्षीणता कुछ कम हो सकेगी।

नेमिचन्द्र जैन (Nemichandra Jain)

नेमिचन्द्र जैन (1919-2005) कवि, समालोचक, नाट्य-चिन्तक, सम्पादक, अनुवादक, शिक्षक ।शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेज़ी) ।राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापक, 1959-76; जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कला- अ

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