रानी लक्ष्मीबाई -
रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वाधीनता संग्राम की पहली महिला सेनानी हैं। 1857 के सैनिक विद्रोह के आसपास इन्होंने भी अंग्रेज़ी दासता के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी थी। लक्ष्मीबाई जहाँ एक ओर स्वाधीनता के लिए पृष्ठभूमि तैयार कर लोगों में जोश भर रही थीं वहीं उनकी ओजस्विता से बालिकाओं, महिलाओं और साधारण जनता को अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा मिल रही थी।
रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी वीरता की जो मिसाल पेश की है वह उनके देशप्रेम, अधिकारों के प्रति लड़ने की जिजीविषा और त्याग का प्रतीक है।
रानी लक्ष्मीबाई साधारण परिवार में जनमी थीं लेकिन उन्होंने झाँसी का राज्य बड़ी कुशलता एवं वीरता से सँभाला। उन्होंने अंग्रेज़ों से झाँसी की रक्षा करते-करते अपने प्राणों की आहुति तक दे दी।
इस पुस्तक में रानी लक्ष्मीबाई की जीवन कथा के साथ-साथ तत्कालीन राजनीतिक स्थितियों के अलावा झाँसी के इतिहास के बारे में पर्याप्त सामग्री है। लेखिका ने बड़ी सहज-सरल भाषा में इसे प्रस्तुत किया है ताकि पाठकों को इतिहास के इस अमर चरित्र के बारे में जानने-समझने का मौक़ा मिले।
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