कुसुम खेमानी की प्रिय कहानियाँ - 'कुसुम खेमानी की प्रिय कहानियाँ' नारी-विमर्श की वे कहानियाँ हैं जो बड़े सामाजिक परिदृश्य में एक गम्भीर विमर्श को जन्म देती हैं। भारतीय स्त्री के कई पक्ष इनकी कथाओं में उभर कर सामने आते हैं और इनकी कहानियों में नारी-विमर्श की प्रकृति भी एकदम भिन्न है। वे अपने स्त्री-चरित्रों का ऐसा उदात्तीकरण करती हैं कि वे इस धरती की होते हुए भी अपने अनोखे व्यक्तित्व के कारण किसी और ही संसार की लगती हैं। इनकी कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें आधुनिक समाज, समय और स्त्री हर पल ख़ुद को एक संयमित और मज़बूत आधार देते हैं। इनकी कहानियों में बरती गयी शैली हर समय और काल के अनुसार हमेशा प्रगतिशील और उदारवादी रही है। कुसुम खेमानी की कृतियों की लोकप्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उनका अनुवाद बांग्ला, उर्दू, मराठी जैसी भारतीय भाषाओं के अलावा जापानी, अंग्रेज़ी और पोलिश जैसी विदेशी भाषाओं में भी हुआ है।
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