Kitna Akela Aakash

Paperback
Hindi
9788126320134
3rd
2010
76
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कितना अकेला आकाश - ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्रीनरेश मेहता का यह प्रथम यात्रा संस्मरण 'कितना अकेला आकाश' में भारतीय कवि द्वारा अपनी सहज सर्जक दृष्टि से यूरोपीय जीवनधारा को परखने की चेष्टा है। यूगोस्लाविया के एक छोटे-से जनस्थान स्त्रूगा में आयोजित काव्य समारोह में एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि के रूप में सहभागिता करने के लिए भेजे गये श्रीनरेश मेहता ने सहज कौतुक से न सिर्फ स्त्रूगा को देखा; बल्कि वहाँ के जीवन, वहाँ के स्त्री-पुरुषों की गतिविधियों, भावमुद्राओं, मानसिकताओं और हलचलों की भी मन के कैमरे में छवि उतारी। एनी और बुदिमका जैसे सौम्य और बुद्धिदीप्त महिलाओं के सहयोग ने कवि के अकेले और सूने आकाश को दीप्ति और उल्लास से भर दिया।

नरेश मेहता (Naresh Mehta )

श्रीनरेश मेहता - 15 फ़रवरी, 1922 को शाजापुर, मालवा में जन्मे श्रीनरेश मेहता आधुनिक भारतीय साहित्य के शीर्षस्थ कवि, कथाकार और चिन्तक है। शिप्रा नर्मदा से लेकर गंगा तक फैले हुए उनके जीवन का फलक काफ़

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