Khuda Ki Vapasi

Hardbound
Hindi
8126306289
4th
2018
172
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ख़ुदा की वापसी - प्रतिष्ठित हिन्दी-कथाकार नासिरा शर्मा के इस नये कहानी-संग्रह 'ख़ुदा की वापसी' को दो अर्थों में लिया जा सकता है—एक तो यही कि यह सोच अब जा चुकी है कि पति एक दुनियावी ख़ुदा है और उसके आगे नतमस्तक होना पत्नी का परम धर्म है; और दूसरा है उस ख़ुदा की वापसी, जिसने सभी इन्सानों को बराबर माना और औरत-मर्द को समान अधिकार दिये हैं। संग्रह की कहानियों में ऐसे सवालों के इशारे भी हैं कि जो हमें उपलब्ध है उसे भूलकर हम उन मुद्दों के लिए क्यों लड़ते हैं जिन्हें धर्म, क़ानून, समाज, परिवार ने हमें नहीं दिया है? जो अधिकार हमें मिला है जब उसी को हम अपनी ज़िन्दगी में शामिल नहीं कर पाते और उसके बारे में लापरवाह रहते हैं, तब किस अधिकार और स्वतन्त्रता की अपेक्षा हम ख़ुद से करते हैं? दरअसल 'ख़ुदा की वापसी' की सभी कहानियाँ उन बुनियादी अधिकारों की माँग करती नज़र आती हैं जो वास्तव में महिलाओं को मिले हुए मगर पुरुष समाज के धर्म पण्डित मौलवी मौलिक अधिकारों को भी देने के विरुद्ध हैं। 'ख़ुदा की वापसी' की कहानियाँ एक समुदाय विशेष की होकर भी विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं। नारी के संघर्षों और उत्पीड़नों से उपजी विद्रूपताओं तथा अर्थहीन सामाजिक रूढ़ाचार पर तीखी चोट करती ये कहानियाँ समकालीन परिवेश और जीवन की विसंगतियों का प्रखर विश्लेषण भी करती हैं; भाषा और शिल्प के नयेपन सहित, पूरी समझदारी और ईमानदारी के साथ।

नासिरा शर्मा (Nasira Sharma )

नासिरा शर्मा1948 में इलाहाबाद (उ. प्र.) में जन्मी नासिरा शर्मा को साहित्य के संस्कार विरासत में मिले। फारसी भाषा साहित्य में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम.ए. किया। हिन्दी, उर्दू, फारसी, अंग्

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