Bhaktkavi Surdas

Maheshwar Author
Hardbound
Hindi
9789326355247
1st
2017
64
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भक्तकवि सूरदास - सूरदास का अष्टछाप के कवियों में सर्वप्रथम स्थान है। वे कृष्ण भक्ति शाखा के प्रतिनिधि एवं श्रेष्ठ कवि हैं। महाप्रभु वल्लभाचार्य ने उन्हें पुष्टिमार्ग में दीक्षित किया था। सूरदास ने कृष्ण की बाल लीलाओं का जो वर्णन किया है वह बेजोड़ है। न देख पाने के बावजूद भी उनके काव्य में वर्णित कृष्ण की लीलाओं और प्रकृति का सजीव वर्णन पाठकों को अचम्भित कर देता है। लेखक ने बड़े मनोयोग से इस पुस्तक में सूरदास की जीवन कथा लिखी है। पुस्तक में उनकी रचनाओं का सहज व सरल शब्दों में विश्लेषण तो प्रस्तुत किया ही है, साथ ही उनके चुनिन्दा पदों को व्याख्या सहित संग्रहित भी किया है। पुस्तक में सूरदास के चर्चित और बहुपठित पदों को पढ़ना पाठकों को अवश्य भायेगा। इस पुस्तक का स्वागत किया जाना चाहिए।

महेश्वर (Maheshwar )

महेश्वर - जमशेदपुर, झारखण्ड में जन्म व राँची विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक। दिल्ली विश्वविद्यालय से चेक भाषा व साहित्य का अध्ययन। जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एम.ए. और जे.एन.यू. से चेक साहि

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