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आज की उर्दू कहानी

कहानी
Hardbound
Hindi
9789326352338
1st
2013
220
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आज की उर्दू कहानी - समकालीन उर्दू कहानियों में भारत व पाकिस्तान के उन कथाकारों की कहानियाँ शामिल हैं जिनका जन्म पाँचवें दशक के बाद हुआ। इन कहानियों का संचयन तथा अनुवाद के पीछे अभिप्राय था——दोनों देशों के आज के साहित्य की दशा व दिशा की पड़ताल। इनमें सम्मिलित भारत के अधिकांश उर्दू कथाकारों से हिन्दी के पाठक परिचित हैं। परन्तु पाकिस्तान के रचनाकारों से हिन्दी के पाठक क्या, उर्दू के पाठक भी कम ही परिचित होंगे। हिन्दी के पाठकों को यह भी नहीं पता कि अभी वहाँ किन विषयों और प्रवृत्तियों पर लिखा जा रहा है, वहाँ की शैली में क्या परिवर्तन आया है तथा उनके लेखन पर किन-किन विचारधाराओं और आन्दोलनों का प्रभाव पड़ा है। भारत-बँटवारे के पूर्व का दशक उर्दू साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उस समय के चन्द रचनाकार ऐसे हैं जिन्होंने आज़ादी के पूर्व ही प्रसिद्धि के शिखर को छू लिया था और आज भी उनकी रचनाएँ उर्दू साहित्य में प्रमुख स्थान रखती हैं। हाँ, दोनों देशों में वैचारिक, सांस्कृतिक फ़र्क़ हो सकता है परन्तु समाजी, मआसी (जीवन-यापन), महँगाई, बेरोज़गारी, ग़रीबी भूख व आतंकवाद जिनका सम्बन्ध मानवीय मूल्यों के उत्थान-पतन से है उनमें स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। ये सभी कहानियाँ यथार्थ की हैं परन्तु कलात्मकता के साथ समाज के विभिन्न पहलुओं के रंग को अपने में समेटे हुए। वस्तुस्थिति तथा ज़मीनी सच्चाई से साक्षात्कार करातीं। इन कहानियों से गुज़रते हुए पाठक साफ़ तौर पर महसूस कर पायेंगे कि दोनों देशों की उपयुक्त समस्याएँ समान रूप से दोनों ही जगह गम्भीर चुनौती पेश कर रही हैं तथा दोनों मुल्कों के ये रचनाकार अपनी लेखनी के माध्यम से मानवीय मूल्यों को सँजोये रखने के लिए समान रूप से जूझ रहे हैं।

आशा प्रभात अनुवाद आशा प्रभात (Asha Prabhat Translated By Asha Prabhat )

आशा प्रभात - जन्म: 21 जुलाई, 1958। शिक्षा: स्नातक । प्रकाशित कृतियाँ : 'दरीचे' ( काव्य-संग्रह); 'गिरदाब' (हाइकू संग्रह); 'मरमूज़' (उर्दू ग़ज़लों नज़्मों का संग्रह); 'धुन्ध में उगा पेड़', 'जाने कितने मोड़', 'मैं औ

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