आधी रात का शहर - गौतम बुद्ध के उपदेशों और कबीर एवं मीरा के पद्यांशों का सहारा लेकर ए. हमीद ने इस उपन्यास में मानव-मन की अनेक परतें खोली हैं। पाकिस्तान में रहते हुए भी उपन्यासकार ने भारतीय संस्कृति के उस रूप को उजागर किया है, जो हमें धार्मिकता नहीं इन्सानियत का पाठ पढ़ाता है। मूल रूप में रूमानी होते हुए भी यह उपन्यास अपने कथानक के माध्यम से अध्यात्म के कई गवाक्ष खोलता है और अपने पाठक की सोच को संकीर्णता से मुक्त करने का प्रयास करता है।