फ़िराक़ गोरखपुरी उर्दू के ऐसे अज़ीम तरीन शायर थे जिन्होंने उर्दू ग़ज़ल के क्लासिक मिज़ाज से बिना कोई हस्तक्षेप किये, नये लब-लहजे की शायरी की। उन्होंने उर्दू ग़ज़ल को उच्च संस्कारित मूल्यों से परिपक्व किया और उसे विशिष्ट मुकाम तक पहुँचाया ।
फ़िराक़ की सैकड़ों ग़ज़ल में से एक हज़ार शे'र का यह संकलन, अपने आपमें एक संसार की रचना है । इस संकलन में हर रुचि, विषय और स्तर के शे'र शामिल हैं। एक तरह से एक हज़ार शे'र की यह किताब, आकाश में झिलमिलाते सितारों की तरह है और किसी ग्लैक्सी की तरह भी ! प्रत्येक शे'र की अपनी सृष्टि है और अपनी ज़िन्दगी भी...एक ऐसी ज़िन्दगी जो कभी ख़त्म नहीं होती । क्योंकि उत्कृष्ट शे'र हमेशा अमर रहते हैं ।
इसी किताब से एक शे'र-
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िन्दगी, हम दूर से यह भान लेते हैं
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