भूख का व्याकरण - हेर्टा म्युलर के उपन्यास का जर्मन शीर्षक है 'आटेमशाऊकेल'। यह दो शब्दों आटेम और शाऊकेल से बना सामासिक शब्द है जिनका हिन्दी में अर्थ होगा साँस और पींग । इसी तरह के कई सारे 'अजीब' शब्द इस उपन्यास में पढ़ने को मिलेंगे, जिन्हें हमने हिन्दी में भी बरकरार रखा है जैसे: दिल- फावड़ा और भूख-देवदूत।
आटेमशाऊकेल लेओ आऊबेर्ग, एक सत्रह वर्षीय रोमानियाई जर्मन लड़के की जीवन गाथा है, जिसे एक दिन यूक्रेन के स्टेपीस के एक श्रम शिविर में भेज दिया जाता है। हेर्टा म्युलर इस उपन्यास के उपसंहार में संक्षेप में उस समय का ऐतिहासिक विवरण देती हैं।
नुल्लपुंक्ट- शून्यांक - जर्मन में होलोकॉस्ट के अनुभव को वर्णित करता है। श्रम शिविर का कठिन अनुभव- जिससे लियो का व्यक्तिगत जीवन भी जुड़ा हुआ है, वह उसके जीवन के शून्य को वर्णित करता है । दरअसल यह बन्द रास्तों वाली गली है।
'आटेमशाऊकेल' को पढ़ना जर्मन भाषी पाठक के लिए भी एक बहुत ही कठिन काम है। यह एक अत्यन्त शक्तिशाली साहित्य कलाकृति है, जो पाठक को अपने में बाँध लेती है और उसे मनुष्य के उस शून्यांक के अनुभव की तरफ ले जाती है, जो मानवता के आधुनिक इतिहास के एक अँधेरे कोने में बसी हुई है, और साथ ही साथ उसे भाषा की सम्भावनाओं और कमियों से परिचित करा देती है।
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