Dharatal

Hardbound
Hindi
9788170554929
2nd
2024
110
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30% Off

धरातल - समकालीन हिंदी कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर रामधारी सिंह दिवाकर की कहानियाँ संक्रमणशील ग्रामीण यथार्थ को किन्हीं राजनीतिक आग्रहों से कथान्वित नहीं करतीं, बल्कि यथार्थ के अंतर्निहित सत्य को, उसके छोटे-छोटे स्पंदनों को छूती हुई चलती हैं। गांव के गतिशील यथार्थ को, उसके प्रत्येक रग-रेशे को इनकी कहानियाँ कहीं हल्के स्पर्श से तो कहीं गहरी रेखाओं से उकेरती हैं । इनकी कहानियों के पात्र अपने माटी - पानी की उपज होते हैं, इस कारण अलग से उनको 'पेंट' कर चरित्र बनाने या गढ़ने की कोशिश इनमें नहीं मिलती । कोई शिल्पगत चमत्कार और विषय वस्तु की व्यूह-रचना भी ये नहीं करते। इनकी कहानियों में एक तरह की अनुरागात्मक सहजता है, ऋजु गत्यात्मकता। मानवीय संबंध और संवेदन जहाँ भी आहत होते हैं, ठीक उन्हीं केंद्रों से इनकी कहानियाँ जन्म लेती हैं और पाठकीय विश्वास को अपने साथ लेती हुई परिधि तक फैलती हैं ।

इस संग्रह की कहानियाँ प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर प्रशंसित हो चुकी हैं।

रामधारी सिंह दिवाकर (Ramdhari Singh Diwakar )

रामधारी सिंह दिवाकर जन्म : 1 जनवरी 1945 को अररिया जिले ( बिहार ) के नरपतगंज गाँव में ।शिक्षा : एम.ए., पीएच. डी. (हिन्दी) । मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (बिहार) में प्रोफ़ेसर एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष पद स

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