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Maan

Munawwar Rana Author
Paperback
Hindi
9788181437136
11th
2024
110
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अपनी बड़ी बहन और उपेन्द्र राय की माताश्री स्व. राधिका राय की याद में -

“मुझे क्या इसलिए रक्खा था अपनी कोख में तुमने

कि इक दिन तुम चली जाओगी रोता छोड़कर मुझको

मेरी आवाज़ के आँसू

मेरा उतरा हुआ चेहरा

मेरी रोती हुई आँखें

तुम्हें वापस बुलाती हैं

मेरा खोया हुआ बचपन

मेरे रूठे हुए सपने

मेरे इस गाँव की मिट्टी

तुम्हें वापस बुलाती है

मेरी पाली हुई चिड़िया

मेरी ये चाँद की बुढ़िया

मेरी रोती हुई गुड़िया

तुम्हें वापस बुलाती है

नहीं तो कल सबेरे तक यही दुनिया

मुझे छेड़ेगी यह कहकर सतायेगी

कि मैं जननी को गंगा के हवाले करने आया हूँ

चिता अर्थी को देकर मैं उजाला करने आया हूँ”

मुनव्वर राना (Munawwar Rana)

मुनव्वर रानाजन्म : 26 नवम्बर, 1952 को रायबरेली, उत्तर प्रदेश में। सैयद मुनव्वर अली राना यूँ तो बी. कॉम. तक ही पढ़ पाये किन्तु ज़िन्दगी के हालात ने उन्हें ज्यादा पढ़ाया भी उन्होंने खूब पढ़ा भीमाँ, ग़

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