Ghazal Jharna

Hardbound
Hindi
9789387330856
1st
2017
208
If You are Pathak Manch Member ?

“इस किताब में ऐसे ढंग से क़ाफ़िये और रदीफ़ पिरोए गये हैं उसकी तारीफ़ के लिए लफ़्ज़ कहाँ से जुटाए जायें?

दरअस्ल मुज़फ़्फ़र हनफ़ी साहब जैसे क़द्दावर शायर के नाम से हिन्दी के पाठक अधिक परिचित नहीं हैं। उर्दू भाषा में 90 से अधिक विभिन्न विषयों पर लिखी किताबों के इस लेखक की सिर्फ़ एक किताब (मुज़फ़्फ़र की ग़ज़लें) देवनागरी में उपलब्ध हैं। मात्र 14 साल की उम्र से अब तक लगातार ग़ज़लें कहने वाले मुज़फ़्फ़र साहब ने अब तक 1700 से अधिक ग़ज़लें कह डाली हैं। मुज़फ़्फ़र हनफ़ी की शायरी (ग़ज़ल) की पहली किताब 'पानी की ज़बान' जो 1967 में प्रकाशित हुई थी, हिन्दुस्तान में आधुनिक शायरी की पहली किताब मानी जाती है।

मुज़फ़्फ़र साहब की शायरी फ़लक से गुनगुनाती हुई गिरती बरसात की बूँदों की याद दिलाती है जिसमें लगातार भीगते रहने का मन करता है। भाषा की ऐसी मिठास, ऐसी रवानी और कहीं मिलना दुर्लभ है ये खासियत उनकी एक आध नहीं, सभी ग़ज़लों में दिखाई देती है। एक बात पक्की है कि मुज़फ़्फ़र साहब की बुलन्द शख़्सियत और बेजोड़ शायरी पर ऐसी कई पोस्ट्स भी अगर लिखें तो कामयाबी हासिल नहीं होगी, मैंने तो सिर्फ़ टिप ऑफ़ दि आइस-बर्ग ही दिखाने की कोशिश की है।

इस किताब के पन्नों को पलटते हुए आप जिस अनुभव से गुज़रेंगे उसे लफ़्ज़ों में बयान नहीं किया जा सकता।"

-नीरज गोस्वामी

܀܀܀

"हर शायर ग़ज़ल की तलाश करता है लेकिन हनफ़ी साहब इकलौते शायर हैं जिनकी तलाश ग़ज़ल खुद करती है। आज के दौर में मंच के बड़े-बड़े नाम-किसकी ग़ज़लों की नकल करते हैं, सब जानते हैं- ग़ज़लों के नक़्क़ाल बहुत हैं और मुज़फ़्फ़र एक । हनफ़ी साहब से कई शायरों को बहुत रश्क है और उन पर ऐसे शायरों ने ज़बर्दस्त तंज़बारी की है लेकिन मुज़फ़्फ़र हनफ़ी साहब को न कोई पा सका है और न पा सकेगा।"

-मयंक अवस्थी

܀܀܀

“मुज़फ़्फ़र हनफ़ी साहब ग़ज़ल के दरबार के वो अमीर हैं कि उनसे दरबार ही धन्य नहीं है बल्कि उनकी किसी भी महफ़िल में मौजूदगी उस महफ़िल के सारे लोगों को बाशऊर बना देती है। मैंने उनकी सदारत में मुशायरे पढ़े हैं। बड़े-बड़े वाचाल शायर हाथ बाँधे उनसे इजाज़त लेते देखे हैं।"

- तुफैल चतुर्वेदी

मुज़फ़्फ़र हनफ़ी (Muzaffar Hanfi )

मुज़फ़्फ़र हनफ़ी मुज़फ़्फ़र हनफ़ी का जन्म 1 अप्रैल 1936 को खण्डवा (मध्य प्रदेश) में हुआ । आपने उर्दू में एम.ए. और पीएच. डी. की उपाधियाँ प्राप्त करने के अतिरिक्त एलएल.बी. भी किया। आपने मुलाज़मानी जी

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter