Alochna Aur Alochna

Hardbound
Hindi
8170553970
9788170553977
2nd
2013
170
If You are Pathak Manch Member ?

आलोचना और आलोचना - जब तक नये-नये साहित्यिक आन्दोलनों के केन्द्र के रूप में दिल्ली का अभ्युदय नहीं हुआ था। उस ज़माने में अर्थात 50-60 के दशक में इलाहाबाद, लखनऊ, बनारस और कानपुर ही नई कविता, नई कहानी और नई समीक्षा के क्षेत्र में सक्रिय युवा रचनाकर्मियों की साहित्यिक चहल-पहल, उठा-पटक और वाद-विवाद के केन्द्र थे। इनके साथ-साथ ग्वालियर, जयपुर, हैदराबाद, कलकत्ता, भोपाल, जबलपुर, पटना और चण्डीगढ़ भी नये केन्द्रों के रूप में उभरने लगे थे। संगोष्ठियों और पत्राचार के माध्यम से प्रायः सभी महत्वपूर्ण साहित्यकारों से देवीशंकर अवस्थी का सम्पर्क कायम हो चुका था। प्रगतिशील लेखक संघ और परिमल के बीच की होड़ और द्वन्द्व में वे अपना अलग रास्ता तलाश रहे थे । यद्यपि उनका लेखन छात्र-जीवन में ही अर्थात '50 के आस-पास शुरू हो गया था; पर '54 में जब वे डी.ए.वी. कॉलेज में प्राध्यापक नियुक्त हुए, तभी से व्यवस्थित लेखन और साहित्यिक-वैचारिक बहस में हस्तक्षेप का एक नियमित सिलसिला शुरू हो सका । '56 में कमलेश जी उनका विवाह हुआ। तब से वे उनकी साहित्यिक गहमा-गहमी और व्यस्तता की साक्षी रहीं। कानपुर के मेस्टन रोड स्थित शर्मा रेस्त्राँ और भारत रेस्त्राँ में साहित्यिक मित्रों के साथ गरमा-गरम बहस की किसी बड़ी संगोष्ठी से जब वे लौटते तो और अधिक उत्साह के साथ लिखने-पढ़ने में जुट जाते। ये रचनाएँ उसी माहौल के बीच लिखी गयी थीं। नवलेखन के उस दौर का मिज़ाज और तेवर इनमें साफ़-साफ़ झलकता है।

देवीशंकर अवस्थी (Devishankar Awasthi)

देवीशंकर अवस्थी (1930-1966) जन्म : 5 अप्रैल, 1930; ग्राम-सथनी बालाखेड़ा, जिला उन्नाव (उ.प्र.) ।शिक्षा : रायबरेली और कानपुर में।1960 में आगरा विश्वविद्यालय से आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निर्देशन में पीएच.

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter