Nivedita

लेखक, कवि, वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता। लम्बे समय तक पत्रकारिता की। इनकी कहानियाँ, कविताएँ कई पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित हुईं। कविता की दो किताब वाणी प्रकाशन से प्रकाशित- ज़ख़्म जितने थे, प्रेम में डर। अब के बसन्त, कहानी संकलन का प्रकाशन। लगभग सभी राष्ट्रीय अख़बारों में काम किया। नवभारत टाइम्स से शुरुआत।

लाडली मीडिया अवॉर्ड मिला सर्वश्रेष्ठ हिन्दी पत्रकारिता के लिए। मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम के मामले को लेकर लम्बी लड़ाई। अदालत से लेकर सड़कों तक। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इनके द्वारा दायर याचिका के आधार पर न्याय मिला।

गया, बिहार में जन्मी निवेदिता अब पटना में रहती हैं।

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