Virendra Sarang

वीरेन्द्र सारंग

जन्म : 12 जनवरी, 1959, उत्तर प्रदेश के जमानियाँ, गाजीपुर में।

हिन्दी के जाने-माने महत्त्वपूर्ण और ज़रूरी कवि-कथाकार हैं। उन्होंने घुमक्कड़ी और स्वतन्त्र लेखन के साथ-साथ कई क्षेत्रों में कार्यकर्ता के रूप में भी कार्य किया है।

लगभग 45 वर्षों से लेखन में सक्रिय ।

प्रकाशित कृतियाँ : उनके सात कविता-संग्रह : कोण से कटे हुए, हवाओ! लौट जाओ, अपने पास होना, चलो कवि से पूछते हैं, कथा का पृष्ठ, ठहरिए! यहाँ कोई कवि रहता है, अँजुरी भर माटी-पानी और पाँच उपन्यास : आर्यगाथा, हाता रहीम (जनगणना विषय पर आधारित एकमात्र उपन्यास), बाँझ सपूती, जननायक कृष्ण, अलगनी पर समय प्रकाशित हुए हैं।

अन्य : ...और कई कच्ची-पक्की सामग्री, कुछ अप्रकाशित कहानियाँ, अधूरे उपन्यास, लेख और समीक्षाएँ ।

सम्मान : गद्य के लिए 'महावीर प्रसाद द्विवेदी

सम्मान', कविता के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान का 'विजयदेव नारायण साही पुरस्कार', 'भोजपुरी शिरोमणि अलंकरण' एवं 'बालकृष्ण पुरस्कार/सम्मान' प्राप्त हुए हैं।

वे लखनऊ में रहते हैं।

ई-मेल : virendrasarang@gmail.com

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