Baldev Singh Dhaliwal

बलदेव सिंह धालीवाल

बलदेव सिंह धालीवाल की अब तक पचास के क़रीब पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें एक काव्य-संग्रह, दो कहानी-संग्रह, तीन यात्रा-वृत्तान्त, एक गद्य, बीस आलोचना की और बाईस सम्पादित पुस्तकें शामिल हैं। वह 31 दिसम्बर, 2019 तक पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में बतौर सीनियर प्रोफ़ेसर, विज़िटिंग फैलो, डीन, अलुमनी रिलेशंस कार्यरत रहे हैं। अपने अकादमिक जीवन में भरपूर सरगर्मी के साथ काम करने हेतु वे यू.जी.सी. के द्वारा दो और सभ्यचार मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा दिये गये एक मेजर प्रोजेक्ट पर शोध कार्य कर चुके हैं। अमरीका, कनाडा, यू.के., इंग्लैंड, पाकिस्तान आदि देशों में करायी गयी पन्द्रह विश्व पंजाबी कॉन्फ्रेंसों में शामिल हो चुके हैं। उन्हें गुरु नानकदेव विश्वविद्यालय, अमृतसर द्वारा 'भाई वीर सिंह गल्प पुरस्कार' कहानी-संग्रह ओपरी हवा (1997), भाषा विभाग, पंजाब द्वारा 'डॉ. अतर सिंह पुरस्कार', आलोचना की पुस्तक 'आधुनिक पंजाबी कवि-सन्दर्भगत अध्ययन' (2013), पंजाबी साहित्य अकादेमी, लुधियाना द्वारा 'डॉ. रविन्दर सिंह रवि पुरस्कार' (2019), पंजाब सरकार द्वारा 'श्री गुरु नानकदेव जी एचीवर्ज़ अवार्ड' (2019) आदि के अलावा और बहुत सारे सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उनके जीवन और रचना के बारे में डी.डी. पंजाबी और प्राइवेट चैनलों के द्वारा डाक्यूमेंट्रीज़ प्रसारित की जा चुकी हैं जो यू-ट्यूब पर उपलब्ध हैं। वे एक बहुविधाई साहित्यकार के तौर पर पंजाबी साहित्य संसार में विशेष स्थान रखते हैं।

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