Asrarul Haq 'Majaz'
असरारुल-हक़ 'मजाज़'
जन्म : 19 अक्टूबर, 191, रुदौली, उत्तर प्रदेश ।
निधन : 5 दिसम्बर 1955 ।
काव्य-संग्रह : आहंग
मजाज़ उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव रुदौली में 19 अक्टूबर की शाम सन् 1911 को पैदा हुए । अदबी सूरज जो उगा, चमका, जला और एक रोज़ बुझ भी गया और बुझकर अदब के एक झरोखे को तीरगी दे गया। मजाज़ लखनवी, 20वीं सदी का वो शायर जिसने इन्क़लाब को नया ज़ाविया दिया और इश्क-ओ-मुहब्बत की भी एक अनोखी दास्तान लिखी । अपनी ज़िन्दगी से सवाल किये, जो शाइरी में तब्दील हो गये । मिजाज़ से रोमानी होने के बावजूद उनकी शाइरी में तरक़्क़ी-पसन्दी के अनासिर मौजूद रहे हैं। मुनासिब अलफाज़ का चुनाव और ज़बान की रवानी ने उनकी शाइरी को मकबूले-आम बनाने में अहम रोल अदा किया है । उन्होंने बहुत कम लिखा, लेकिन जो भी लिखा उससे उन्हें काफ़ी शोहरत मिली ।